दिवाली आते ही बाजारों में रौनक लौट आती है. हर कोई अपने घर को सजाने, नए कपड़े खरीदने और अपनों को गिफ्ट देने में जुट जाता है. लेकिन त्योहारों की यह खुशी कई बार खर्चों का बोझ बढ़ा देती है. ऐसे में बहुत से लोग पर्सनल लोन (Personal Loan) लेने की सोचते हैं ताकि खर्च आसानी से पूरे हो सकें.
आज के समय में लोन लेना बेहद आसान हो गया है. मोबाइल ऐप या बैंक की वेबसाइट पर कुछ क्लिक में ही पैसा अकाउंट में आ जाता है. लेकिन यही सुविधा अगर बिना सोचे समझे ली जाए, तो बाद में परेशानी बन सकती है. एक्सपर्ट्स मानते हैं कि फेस्टिव सीजन लोन (Festive Season Loan) तभी लेना सही है जब खर्च सच में जरूरी हो, न कि सिर्फ दिखावे या इच्छा पूरी करने के लिए.
जरूरत और चाहत में फर्क समझें, तभी बच पाएंगे कर्ज से
दिवाली के दौरान अक्सर लोग उत्साह और भावनाओं में बहकर खर्च कर देते हैं. लेकिन समझदारी यही है कि पहले यह तय करें कि आपका खर्च जरूरी है या सिर्फ मन की चाहत. अगर खर्च बच्चों की पढ़ाई, घर की मरम्मत या किसी जरूरी सामान के लिए हो, तो इसे सही माना जा सकता है. लेकिन अगर मकसद सिर्फ महंगे गिफ्ट्स या डेकोरेशन पर पैसा उड़ाना है, तो यह गलती हो सकती है.
फाइनेंशियल एक्सपर्ट्स कहते हैं, “Need और Want के बीच फर्क समझना बहुत जरूरी है.” त्योहार का असली मजा तभी है जब आप आर्थिक तनाव से दूर रहकर दिवाली मनाएं. इसलिए खर्च करने से पहले खुद से एक सवाल जरूर पूछें “क्या यह खर्च टाला जा सकता है?” अगर जवाब ‘हाँ’ है, तो थोड़ा संयम ही समझदारी है.
ब्याज दर, फीस और EMI पर रखें नजर
पर्सनल लोन बिना किसी सिक्योरिटी के मिलता है, इसलिए इस पर ब्याज दरें (Interest Rates) ज्यादा होती हैं. बैंकों और एनबीएफसी में ये दरें लगभग 10% से 24% तक जा सकती हैं. साथ ही, Processing Fees, Service Charges, और Prepayment Penalty जैसे खर्चे भी लोन की राशि बढ़ा देते हैं.
लोन लेने से पहले इन सबकी तुलना करना बहुत जरूरी है. कई बार इंस्टेंट लोन या “स्पेशल ऑफर” के नाम पर ऊंची ब्याज दरें वसूली जाती हैं. अगर आप शर्तें ध्यान से नहीं पढ़ते, तो बाद में पछताना पड़ सकता है. इसके अलावा, लोन की EMI समय पर चुकाना भी जरूरी है. अगर ऐसा नहीं किया गया, तो आपका CIBIL Score गिर सकता है, जिससे आगे किसी और लोन (जैसे होम लोन या कार लोन) में दिक्कत आ सकती है.
फाइनेंशियल गोल पर पड़ सकता है असर, बचत से करें स्मार्ट तैयारी
त्योहार के जोश में लिया गया लोन अगर समय पर नहीं चुकाया गया, तो यह आपके आने वाले Financial Goals को प्रभावित कर सकता है. कई लोग दिवाली पर पर्सनल लोन लेकर बाद में कई महीनों तक EMI का बोझ झेलते हैं. इससे न सिर्फ आपका बजट बिगड़ता है, बल्कि भविष्य की बचत योजनाएं भी रुक जाती हैं.
अगर जरूरत बहुत जरूरी नहीं है, तो दिवाली के खर्च के लिए थोड़ी-थोड़ी Monthly Saving शुरू करें. हर महीने कुछ रकम अलग रखकर आप त्योहार की तैयारियां आसानी से कर सकते हैं. इससे न कर्ज बढ़ेगा और न तनाव रहेगा. अगर लोन लेना ही जरूरी हो, तो कोशिश करें कि रकम छोटी हो और उसे 3 से 6 महीने में चुका दें. Short-Term Loan पर ब्याज भी कम पड़ता है और आर्थिक दबाव भी नहीं बनता.
दिवाली की खुशियां कर्ज के बोझ में न बदलें
दिवाली रोशनी, खुशियों और नई शुरुआत का त्योहार है. इसे कर्ज के बोझ में बदलना समझदारी नहीं होगी. किसी भी लोन से पहले यह जरूर सोचें कि क्या यह खर्च टाला जा सकता है या नहीं. महंगे गिफ्ट्स और शॉपिंग से ज्यादा जरूरी है अपनों के साथ समय बिताना. त्योहार का असली मजा तब है जब आप मानसिक और आर्थिक दोनों रूप से सुकून में हों. इसलिए इस बार दिवाली की रोशनी को कर्ज की चिंता में मत बदलें. थोड़ी-सी प्लानिंग, थोड़ी-सी बचत और थोड़ा संयम इन्हीं से बनती है एक Happy और Debt-Free Diwali.
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