चेन्नई के पास तंजावुर जिले के एक छोटे से गांव में मिट्टी की सड़कों के बीच एक शख्स साइकिल चलाते दिख जाते हैं. कोई नहीं कह सकता कि ये वही व्यक्ति हैं जो अरबों की कंपनी Zoho Corporation के मालिक श्रीधर वेम्बू हैं. जो अपनी सादगी, ईमानदारी और देशभक्ति के लिए आज लाखों युवाओं के प्रेरणा स्रोत बन चुके हैं.
सिलिकॉन वैली से गांव तक का श्रीधर वेम्बू सफर
श्रीधर वेम्बू की कहानी किसी फिल्म की तरह लगती है. उन्होंने अमेरिका की सिलिकॉन वैली में काम किया, जहां टेक इंडस्ट्री का हर व्यक्ति लग्जरी जीवन जीता है. लेकिन उन्होंने तय किया कि वे अपनी जड़ों की ओर लौटेंगे. 2019 में वे गांव वापस आए और वहीं से Zoho को चलाने का फैसला किया. गांव की मिट्टी में रहकर उन्होंने साबित कर दिया कि भारत की असली ताकत उसके गांवों में है.
सादगी में सफलता की मिसाल श्रीधर वेम्बू
श्रीधर न किसी बड़ी कार से चलते हैं, न उनके पास कोई बॉडीगार्ड होता है. वे अक्सर साइकिल पर गांव के बच्चों से मिलने निकल जाते हैं. उनका रहन-सहन आम लोगों जैसा है. सादा कपड़ा, सादा खाना, और सच्ची मुस्कान. लेकिन सोचिए, ये वही व्यक्ति हैं जिनकी कंपनी 5000 करोड़ रुपये से ज्यादा की वैल्यू रखती है. उनके इस सादे जीवन ने देश के हर युवा को यह सिखाया कि “बड़ा बनने के लिए दिखावा जरूरी नहीं, सोच बड़ी होनी चाहिए.”
स्थानीय युवाओं को दिया नया सपना
वेम्बू ने गांवों में युवाओं को नौकरी और ट्रेनिंग देकर उन्हें आत्मनिर्भर बनाया. उन्होंने एक नया मॉडल तैयार किया जिसमें शहर जाने की जरूरत नहीं, बल्कि गांव में रहकर भी टेक्नोलॉजी सीखी जा सकती है. Zoho Schools के माध्यम से हजारों युवाओं को बिना डिग्री के आईटी एक्सपर्ट बनाया गया. उनके इस कदम से गांवों में नई रोशनी फैली है और लोग अब अपने बच्चों को कहते हैं. “देखो, श्रीधर की तरह कुछ बड़ा करो.”
भारत के विकास में नई सोच
वेम्बू का मानना है कि भारत तभी आगे बढ़ेगा जब गांवों से ब्रेन ड्रेन नहीं बल्कि “ब्रेन गेन” होगा. यानी, जो टैलेंट शहरों या विदेशों में चला गया है, वह अपने गांव लौटे और देश को मजबूत बनाए. वे कहते हैं. “हमारे गांवों में अपार क्षमता है, बस जरूरत है सही अवसर की.” उनकी सोच अब सरकारी नीतियों को भी प्रभावित कर रही है और कई राज्य उनके मॉडल को अपनाने की दिशा में बढ़ रहे हैं.
श्रीधर वेम्बू की कहानी हमें यह सिखाती है कि असली सफलता पैसों या शोहरत से नहीं, बल्कि समाज को कुछ लौटाने से मिलती है. उनका जीवन एक संदेश है. “अगर दिल में इरादा सच्चा हो, तो मिट्टी से भी चांदी निकाली जा सकती है.” वे आज के दौर में उस इंसान का चेहरा हैं जो सादगी, देशभक्ति और इनोवेशन को एक साथ लेकर चल रहे हैं.
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