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Zeppto की $500M फंडिंग! वैल्यू पहुंची $7B, लेकिन Blinket और Swiggy से कड़ी टक्कर

Zeppto फंडिंग 2025 और भारतीय स्टार्टअप्स की ग्रोथ

भारत का स्टार्टअप इकोसिस्टम 2025 में बड़ी तेजी से बदल रहा है. क्विक कॉमर्स से लेकर नई तकनीक और फूड डिलीवरी तक, हर सेक्टर की कंपनियां अपने बिज़नेस मॉडल और निवेश रणनीति को नए सिरे से तैयार कर रही हैं. इसी बीच Zeppto की भारी भरकम फंडिंग डील और कई नए स्टार्टअप्स की शुरुआत ने निवेशकों और ग्राहकों का ध्यान अपनी ओर खींच लिया है.

Zeppto को 500 मिलियन डॉलर की फंडिंग, वैल्यू पहुंची 7 बिलियन डॉलर

Zeppto जल्द ही 500 मिलियन डॉलर की नई फंडिंग पूरी करने वाला है. इस राउंड के बाद कंपनी की वैल्यू 7 बिलियन डॉलर तक पहुंच जाएगी. इस फंडिंग का बड़ा हिस्सा कंपनी के पुराने निवेशक General Catalyst और Aanir Growth से आ रहा है. अगर यह डील पूरी हो जाती है, तो Zeppto की वैल्यू पिछले साल की तुलना में करीब 40 प्रतिशत ज्यादा होगी.

कंपनी का मकसद सिर्फ पैसा जुटाना नहीं है. Zeppto सही समय पर निवेश कर मार्केट में अपनी पकड़ और मजबूत करना चाहता है. इसी वजह से कंपनी ने खर्च कम करने और मुनाफा बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित किया है. हालांकि इस रणनीति का असर Q1 FY26 में दिखा, जब कंपनी का कुछ मार्केट शेयर घट गया.

Blinket और Swiggy Instamart से टक्कर

क्विक कॉमर्स सेक्टर में इस समय Zeppto को कड़ी चुनौती मिल रही है. ICICI Securities की एक रिपोर्ट के अनुसार, Blinket के ऑर्डर में 25 प्रतिशत और Swiggy Instamart के ऑर्डर में 22 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई है. दोनों कंपनियां लगातार अपना मार्केट शेयर बढ़ा रही हैं, जबकि पूरे सेक्टर की ग्रोथ 20 प्रतिशत से कम रही.

यह आंकड़े साफ दिखाते हैं कि ग्राहकों की बदलती जरूरतें और तेजी से डिलीवरी की बढ़ती मांग ने Blinket और Instamart को बड़ा फायदा दिया है. अब असली चुनौती Zeppto के सामने है वह कैसे मुनाफे पर फोकस करते हुए एक बार फिर मार्केट में अपनी पकड़ मजबूत करे.

IPO प्लान टला, भारतीय निवेशकों की हिस्सेदारी कम होगी

Zeppto ने अपने IPO को अब 2025 से बढ़ाकर 2026 तक के लिए टाल दिया है. कंपनी के सह-संस्थापक Adit Balicha का कहना है कि इसका मकसद भारतीय निवेशकों की हिस्सेदारी को और बढ़ाना है. फिलहाल लगभग 40 प्रतिशत शेयर भारतीय निवेशकों के पास हैं, लेकिन इस नए फंडिंग राउंड के बाद यह हिस्सेदारी घटकर 35 प्रतिशत रह जाएगी.

इसका मतलब है कि कंपनी में विदेशी निवेशकों की पकड़ और मजबूत हो जाएगी. हालांकि Zeppto का लक्ष्य लंबे समय में भारतीय निवेशकों को ज्यादा शामिल करना और उन्हें मजबूत हिस्सेदारी देना ही रहेगा.

भारतीय स्टार्टअप्स की नई फंडिंग रिपोर्ट

इस हफ्ते भारतीय स्टार्टअप्स ने कुल 78 मिलियन डॉलर की फंडिंग जुटाई है. यह आंकड़ा पिछले हफ्ते के 280 मिलियन डॉलर की तुलना में काफी कम है, जिसकी एक बड़ी वजह यह है कि Zeppto की फंडिंग डील अभी पूरी नहीं हुई है.

इसके अलावा कई और स्टार्टअप्स ने भी निवेश हासिल किया है

  • Smartworks ने 20 मिलियन डॉलर का प्री-IPO राउंड पूरा किया.
  • हैदराबाद स्थित OTT प्लेटफॉर्म Chai Biscuit ने 5 मिलियन डॉलर की सीड फंडिंग ली.
  • Clean Fanatics ने 2 मिलियन डॉलर और Green Arrow ने 1.6 मिलियन डॉलर जुटाए.
  • Influencer मार्केटिंग प्लेटफॉर्म Quoras ने भी 500,000 डॉलर का प्री-सीरीज A राउंड हासिल किया.

स्टार्टअप जगत में Eternal के फूड डिलीवरी बिजनेस में बड़ा बदलाव आया है. कंपनी ने Adita Mangla को नया CEO नियुक्त किया है. वह पहले Zomato में अहम पदों पर काम कर चुके हैं.

रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले कुछ महीनों में Zomato की फूड डिलीवरी में 18 प्रतिशत ग्रोथ दर्ज हुई है, जबकि Blinket की ग्रोथ ने रिकॉर्ड बनाते हुए 122 प्रतिशत का स्तर छू लिया है. वहीं Eternal को स्टाफ की कमी, कम डिमांड और बढ़ती कॉम्पिटीशन जैसी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है. इसी बीच Rapido ने भी फूड डिलीवरी में एंट्री कर दी है, जिससे बाजार में टक्कर और तेज होने वाली है.

नई तकनीक और बदलते रुझान

भारत के स्टार्टअप्स अब सिर्फ फंडिंग पर ही नहीं, बल्कि नई तकनीक और इनोवेशन पर भी जोर दे रहे हैं.

  • Delight AI ने ऐसी तकनीक पेश की है जो मोबाइल पर बिना इंटरनेट और क्लाउड के भी AI चलाने की सुविधा देती है. इससे ऐप्स ज्यादा तेज, सुरक्षित और ऑफलाइन भी इस्तेमाल किए जा सकते हैं.
  • Subletter HQ शॉर्ट-टर्म रेंटल को और आसान व सुरक्षित बनाने पर काम कर रहा है.
  • Solorafety.com महिलाओं को सुरक्षित यात्रा के लिए गाइड और जरूरी जानकारी उपलब्ध करा रहा है. ये सभी प्लेटफॉर्म तकनीक और सुरक्षा पर फोकस कर रहे हैं.

इसी बीच, Starlink को भारत में सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस की मंजूरी मिल गई है. अब यह OneWeb और GEO Orbit Connect के बाद इस सेक्टर की तीसरी कंपनी बन गई है.

दूसरी ओर, FSSAI ने ई-कॉमर्स और क्विक कॉमर्स कंपनियों को फूड सेफ्टी नियमों का पालन करने की सख्त चेतावनी दी है. जांच में कुछ डार्क स्टोर्स में नियमों के उल्लंघन के मामले सामने आए हैं.

इधर, Amazon ने दिल्ली में 10 मिनट डिलीवरी सर्विस की शुरुआत की है. अगर ग्राहकों की प्रतिक्रिया सकारात्मक रही, तो कंपनी इसे जल्द ही और शहरों में लॉन्च करेगी.

2025 भारतीय स्टार्टअप्स के लिए बदलाव का साल साबित हो रहा है.

Zeppto की फंडिंग, नई तकनीक और अलग-अलग कंपनियों की रणनीतियां यह साफ दिखाती हैं कि अब स्टार्टअप्स का फोकस सिर्फ तेजी से ग्रोथ पर नहीं, बल्कि मुनाफे और स्मार्ट निवेश पर है.

इस बदलाव में निवेशक, संस्थापक और ग्राहक सभी अहम भूमिका निभा रहे हैं. आने वाले समय में भारतीय स्टार्टअप्स और भी मजबूत बिजनेस मॉडल और इनोवेशन के साथ आगे बढ़ते हुए नजर आएंगे.

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