भारत में इलेक्ट्रिक गाड़ियों का सफर अब एक नए मुकाम पर पहुंच गया है. ओमेगा सीकी मोबिलिटी (Omega Seiki Mobility) ने दुनिया का पहला ड्राइवरलेस इलेक्ट्रिक ऑटो रिक्शा लॉन्च किया है, जिसका नाम रखा गया है “स्वयं गति” (Swayam Gati). यह नाम संस्कृत से लिया गया है, जो भारत की तकनीकी शक्ति और अपनी पहचान दोनों को दिखाता है.
यह लॉन्च भारत के EV सेक्टर के लिए एक बड़ी सफलता मानी जा रही है. अब देश में ऐसी तकनीक तैयार हो गई है, जो बिना ड्राइवर के भी ऑटो को सुरक्षित और आरामदायक तरीके से चला सकती है.
स्वयं गति: भारत में ऑटो चलाने का नया अंदाज़
ओमेगा सीकी मोबिलिटी (Omega Seiki Mobility) का यह नया Autonomous Electric Auto पूरी तरह AI (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस), LiDAR और मल्टी-सेंसर नेविगेशन सिस्टम से लैस है. इसमें लगा एडवांस जीपीएस और एआई सिस्टम 6 मीटर तक किसी भी रुकावट या खतरे को पहचानकर तुरंत रिएक्ट करता है.
कंपनी का कहना है कि यह सिस्टम खासतौर पर भारत के ट्रैफिक और सड़कों की हालत को ध्यान में रखकर बनाया गया है. इसका पहला टेस्ट भी सफल रहा, जिसमें इस ऑटो को 3 किलोमीटर लंबे ट्रैक पर 7 स्टॉप्स के साथ चलाया गया.
“स्वयं गति” के पैसेंजर मॉडल की कीमत ₹4 लाख और कार्गो मॉडल की ₹4.15 लाख रखी गई है. कंपनी के मुताबिक, यह ऑटो एयरपोर्ट, यूनिवर्सिटी कैंपस और इंडस्ट्रियल एरिया जैसे कंट्रोल्ड इलाकों में इस्तेमाल के लिए सबसे बेहतर रहेगा.
कंपनी के चेयरमैन उदय नारंग ने कहा, “हमने भारत के ट्रैफिक और मौसम को ध्यान में रखकर यह सिस्टम तैयार किया है. आने वाले समय में यह स्मार्ट सिटी ट्रांसपोर्ट का अहम हिस्सा बनेगा.”
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Electric Heavy Truck और Unified Charging Hub: ईवी सेक्टर में नई रफ्तार
भारत में अब ईवी सिर्फ ऑटो रिक्शा तक सीमित नहीं रहे. Mantra Electric ने हाल ही में देश का पहला Electric Heavy Truck लॉन्च किया है. यह ट्रक दो वर्जन में आता है Fast Charging और Battery Swapping.
फास्ट चार्जिंग वर्जन को पूरी तरह चार्ज होने में लगभग 1 घंटा लगता है, जबकि बैटरी स्वैपिंग मॉडल में सिर्फ 6 मिनट में बैटरी बदल जाती है. इसमें लगी 380 हॉर्सपावर मोटर 2000 न्यूटन मीटर टॉर्क देती है, जिससे यह अब तक का सबसे शक्तिशाली भारतीय इलेक्ट्रिक ट्रक बन गया है.
सरकार भी देश में चार्जिंग नेटवर्क को बेहतर बनाने में तेजी दिखा रही है. NPCI की मदद से एक नया Unified Charging Hub बनाया जा रहा है. इसमें सभी चार्जिंग कंपनियां और ऐप्स एक ही प्लेटफॉर्म पर जुड़ेंगे, ताकि Charging Anxiety यानी चार्जिंग की चिंता खत्म हो सके.
इस प्लेटफॉर्म की मदद से यूजर्स आसानी से चार्जिंग स्लॉट बुक कर सकेंगे और सीधे पेमेंट भी कर पाएंगे. इससे अलग-अलग ऐप्स और वॉलेट्स के झंझट से पूरी तरह राहत मिलेगी.
टेस्ला रोबोट से लेकर सरकारी राहत तक: भारत का ईवी भविष्य
दुनिया में जहाँ Tesla का Optimus Robot अपनी AI टेक्नोलॉजी की वजह से चर्चा में है, वहीं भारत भी अपने इलेक्ट्रिक वाहन नेटवर्क को तेजी से मजबूत कर रहा है. Tesla Gigafactory, Shanghai में अब 95% काम रोबोट कर रहे हैं, जिससे उत्पादन तेजी से बढ़ रहा है और लागत भी कम हो रही है.
भारत भी इसी दिशा में कदम बढ़ा रहा है. केंद्र सरकार ने हाल ही में Electric Truck और Electric Bus Makers के लिए राहत का ऐलान किया है. अब N2 कैटेगरी के सभी इलेक्ट्रिक ट्रक और बसों को सब्सिडी मिलेगी, चाहे उनकी मोटर भारत में बनी हो या विदेश से आई हो.
इस योजना के तहत PM e-Drive Subsidy में कुल 10,900 करोड़ रुपये का बजट रखा गया है. इसमें से 500 करोड़ रुपये इलेक्ट्रिक ट्रक्स और 4,391 करोड़ रुपये इलेक्ट्रिक बसों के लिए तय किए गए हैं. यह राहत मार्च 2026 तक लागू रहेगी. इसके बाद कंपनियों को देश में ही उत्पादन बढ़ाना होगा.
भारत के ईवी सेक्टर में हाल के दिनों में कई बड़ी उपलब्धियां हुई हैं: अब तक देश में 10 लाख से ज्यादा ईवी बिक चुके हैं. JSW ने 800 से ज्यादा ईवी चार्जिंग स्टेशन लगाए हैं.Ola Electric ने बैटरी टेक्नोलॉजी में ₹878 करोड़ का निवेश किया है. Volvo और Volkswagen ने अपने नए शोरूम और प्रोडक्शन टारगेट पूरे किए हैं. भारत का ईवी सेक्टर अब सिर्फ गाड़ियों तक सीमित नहीं है, बल्कि टेक्नोलॉजी, इंफ्रास्ट्रक्चर और इनोवेशन के क्षेत्र में भी तेजी से आगे बढ़ रहा है.
भारत का ईवी सेक्टर: स्मार्ट इनोवेशन की नई राह
भारत का ईवी सेक्टर अब सिर्फ चार्जिंग स्टेशन या नई कार तक सीमित नहीं है. अब चर्चा हो रही है Autonomous Electric Auto Rickshaw, Electric Heavy Truck और Unified Charging Hub जैसी स्मार्ट तकनीकों की.
“स्वयं गति” जैसे प्रोजेक्ट दिखाते हैं कि भारतीय इंजीनियरिंग अब सिर्फ दुनिया के ट्रेंड को फॉलो नहीं कर रही, बल्कि खुद नए मानक बना रही है. आने वाले सालों में भारत इलेक्ट्रिक और सेल्फ-ड्राइविंग वाहनों के क्षेत्र में दुनिया में आगे चलने वाला देश बन सकता है.
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