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₹847 करोड़ का कारोबार और कानूनी लड़ाइयां आनंद राठी IPO से पहले जान लें ये बातें

आनंद राठी IPO 2025 निवेश अवसर और जोखिम

आनंद राठी शेयर एंड स्टॉक ब्रोकर्स लिमिटेड (ARSSBL) का IPO 23 सितंबर से खुलेगा और 25 सितंबर को बंद होगा कंपनी इस IPO के जरिए अपने कारोबार का विस्तार और कामकाजी पूंजी बढ़ाने की योजना बना रही है निवेशकों के लिए यह अवसर और जोखिम दोनों की तरफ इशारा करता है.

कंपनी की शुरुआत

आनंद राठी ग्रुप की स्थापना 1994 में हुई थी उस समय भारत आर्थिक सुधार और बाजार खुलने की नई लहर का अनुभव कर रहा था श्री आनंद राठी और श्री प्रदीप कुमार गुप्ता ने उस समय के वित्तीय उत्साह को देखा और इस क्षेत्र में कदम रखा एक साल के भीतर उन्होंने रिसर्च डेस्क बनाई और बड़ी संस्था निवेश कंपनियों के साथ काम करना शुरू किया.

समय के साथ ग्रुप ने अपने कारोबार का दायरा बढ़ाया वेल्थ मैनेजमेंट (जो 2021 में पब्लिक हुआ), इंश्योरेंस ब्रोकिंग, रियल एस्टेट सेवाएं, रीइंश्योरेंस और कैपिटल मार्केट लेंडिंग इसमें शामिल हैं.

यदि संक्षेप में कहें, तो आनंद राठी शेयर एंड स्टॉक ब्रोकर्स (ARSSBL) एक फुल-सर्विस ब्रोकरेज हाउस है.

कंपनी का राजस्व और कारोबार

ARSSBL की कमाई दो मुख्य तरीकों से होती है पहला, ब्रोकिंग सेक्शन, जो लगभग 60% राजस्व देता है इसमें इक्विटी, डेरिवेटिव्स, कमोडिटी और करेंसी मार्केट में ग्राहकों को सेवाएं देना शामिल है दूसरा, नॉन-ब्रोकिंग सेक्शन, जो करीब 23% राजस्व लाता है इसमें मार्जिन ट्रेडिंग, पोर्टफोलियो मैनेजमेंट और म्यूचुअल फंड्स या अल्टरनेटिव फंड्स का वितरण शामिल है बाकी राजस्व अन्य स्रोतों जैसे जमा, बॉन्ड और वित्तीय संपत्तियों से आता है.

FY25 में ARSSBL का राजस्व ₹847 करोड़ रहा, जो पिछले साल से 24% अधिक है पिछले दो साल में कंपनी की आय 35% की तेज दर से बढ़ी है.

बचत और निवेश का ट्रेंड:

भारत में घरेलू बचत धीरे-धीरे बैंक जमा से पूंजी बाजार की ओर बढ़ रही है FY12 में भारतीयों ने अपनी बचत का 56% बैंक में जमा किया और केवल 2% बाजार में निवेश किया आज यह आंकड़ा बदल चुका है  बैंक जमा 46% और बाजार निवेश 9% तक बढ़ गए हैं.

युवा निवेशक अब सिर्फ फिक्स्ड डिपॉजिट्स पर निर्भर नहीं रहना चाहते उन्हें शेयर बाजार की स्थिर आय और लंबे समय में लाभ का आकर्षण दिख रहा है फिर भी, केवल 4–5% भारतीय सक्रिय रूप से शेयर ट्रेड करते हैं यह तुलना करें अमेरिका (55%), यूके (33%) और चीन से (13%).

MTF और विस्तार की योजना

ARSSBL मार्जिन ट्रेडिंग फैसिलिटी (MTF) पर जोर दे रहा है यह सेवा निवेशकों को आंशिक भुगतान पर शेयर खरीदने की सुविधा देती है, जबकि शेष राशि ब्रोकर्स ऋण के रूप में देते हैं यह ग्राहक के निवेश को जोड़ता है और प्रति ग्राहक राजस्व बढ़ाता है.

ARSSBL का नेटवर्क भी बड़ा है कंपनी के पास 90 शाखाएं और 1,125 एजेंट हैं, जो 54 और 290 शहरों में फैले हैं कुल सक्रिय ग्राहक लगभग 8.8 लाख हैं.

बाजार की स्थिति

भारतीय ब्रोकिंग इंडस्ट्री में फुल-सर्विस और डिस्काउंट ब्रोकर्स दोनों मौजूद हैं डिस्काउंट ब्रोकर्स जैसे ज़ेरोधा, ग्रो और अपस्टॉक्स कम फीस पर लाखों निवेशकों को जोड़ रहे हैं उनका बाजार हिस्सा लगभग 78% है फुल-सर्विस ब्रोकर्स के लिए केवल 22% हिस्सा बचा है.

ARSSBL की तुलना में बड़ी फुल-सर्विस कंपनियों में मोतीलाल ओसवाल, एंजेल वन, IIFL और जियोजिट शामिल हैं मोतीलाल ओसवाल का कुल राजस्व ₹4,200 करोड़ है, जो ARSSBL से पांच गुना अधिक है.

मुनाफाखोरी और वित्तीय स्थिति 

कंपनी का EBITDA मार्जिन औसतन 43% और PAT मार्जिन 26% है ARSSBL के लिए ये आंकड़े क्रमशः 37% और 12% हैं डेब्ट-टू-इक्विटी अनुपात 1.8 है, जबकि अन्य कंपनियों में यह आम तौर पर 1 से कम है ROCE 21% है, जो इंडस्ट्री औसत के बराबर है.

कंपनी पर जोखिम और कानूनी मामले 

ARSSBL, उसके प्रमोटर और डायरेक्टर्स पर 25 आपराधिक मुकदमे चल रहे हैं इनमें धोखाधड़ी, फर्जीवाड़ा और अनधिकृत ट्रांजेक्शन शामिल हैं सबसे गंभीर मामला NSEL स्कैम का है 2013 में NSEL में ₹5,600 करोड़ का भुगतान डिफॉल्ट हुआ था कई निवेशक झूठे गारंटीड रिटर्न वादों के कारण फंस गए थे.

इसके अलावा, कंपनी ने कमोडिटी डेरिवेटिव ब्रोकिंग के लिए SEBI से लाइसेंस के लिए आवेदन किया था, लेकिन NSEL केस के चलते रिजेक्ट हो गया.

प्रमोटर शेयर और वैल्यूएशन और निवेशकों के लिए संदेश 

प्रमोटरों ने अपने 30% शेयर गिरवी रखे हैं IPO की ऊपरी कीमत ₹414 है P/E अनुपात 18–20 है, जो इंडस्ट्री के समान है IPO से जुटाई गई राशि सीधे कंपनी के काम में जाएगी प्रमोटरों की हिस्सेदारी 98% से घटकर लगभग 69% होगी.

RSSBL का IPO ब्रांड और विस्तार योजना के कारण अवसर देता है लेकिन कानूनी मामले, उच्च कर्ज और कड़ी प्रतियोगिता निवेशकों को सतर्क रहने की चेतावनी भी देते हैं यह तेज मुनाफे का साधन नहीं है निवेश से पहले जोखिम और मौके दोनों का संतुलित मूल्यांकन जरूरी है.


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