बिटकॉइन ने 3 अक्टूबर 2025 को एक नई ऊंचाई छू ली. अमेरिकी सरकार के आंशिक शटडाउन ने वित्तीय बाज़ारों में अनिश्चितता को और गहरा किया, जिसके बाद निवेशकों ने डिजिटल करेंसी और सोने जैसे सुरक्षित ठिकानों की ओर रुख किया. बिटकॉइन का दाम $120,000 से ऊपर चला गया, जो क्रिप्टो मार्केट के लिए एक बड़ा संकेत है.
अमेरिकी शटडाउन से शेयर गिरा, बिटकॉइन $120K पार
1 अक्टूबर से अमेरिकी सरकार आंशिक रूप से बंद हो गई क्योंकि सीनेट में अस्थायी फंडिंग बिल को पर्याप्त समर्थन नहीं मिल सका. इस वजह से लगभग डेढ़ लाख सरकारी कर्मचारियों पर वेतन और नौकरियों का संकट मंडराने लगा. यह राजनीतिक गतिरोध न केवल अमेरिकी अर्थव्यवस्था बल्कि वैश्विक बाज़ारों में भी चिंता बढ़ा रहा है. शेयर बाज़ार में भारी गिरावट देखने को मिली. फ्यूचर्स मार्केट नीचे गया, जबकि सोना 1.1% बढ़कर $3,913.70 प्रति औंस तक पहुंच गया. दूसरी ओर, बिटकॉइन रातों-रात 2% उछला और अगले दिन $120,000 से ऊपर निकल गया.
बैंकिंग विशेषज्ञों का कहना है कि आधिकारिक आर्थिक आंकड़े, जैसे रोजगार और महंगाई से जुड़ी रिपोर्टें, जारी न होने की वजह से निवेशक “अंधेरे में” हैं. यही वजह है कि अस्थिरता और अनिश्चितता और भी बढ़ गई है.
कमज़ोर डॉलर और घटती दरों से क्रिप्टो मार्केट में उछाल
क्रिप्टो विश्लेषकों का मानना है कि यह माहौल डिजिटल करेंसीज़ के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है. 21Shares के रणनीतिकार मैट मीना ने कहा कि अमेरिकी फेडरल रिजर्व अक्टूबर में 0.25% और दिसंबर में एक और ब्याज दर घटा सकता है. घटती यील्ड और कमजोर डॉलर का असर क्रिप्टोकरेंसी के लिए ऐतिहासिक रूप से सकारात्मक रहा है.
सिर्फ बिटकॉइन ही नहीं, बल्कि एथेरियम, रिपल (XRP), सोलाना और डोजकॉइन जैसी अन्य डिजिटल करेंसीज़ ने भी 4% से 7% तक की बढ़त दर्ज की. CoinDesk 20 इंडेक्स 5% बढ़कर 4,217 अंकों पर पहुंच गया. यह दिखाता है कि पूरा क्रिप्टो मार्केट निवेशकों के लिए आकर्षण का केंद्र बन रहा है.
2026 तक बिटकॉइन $250K, टेक कंपनियां भी क्रिप्टो की ओर
कार्डानो के संस्थापक चार्ल्स होस्किन्सन ने हाल ही में कहा कि बिटकॉइन 2026 के मध्य तक $250,000 तक पहुंच सकता है. उनका मानना है कि भू-राजनीतिक अस्थिरता और देशों के बीच बढ़ते तनाव पारंपरिक बैंकिंग व्यवस्था को कमजोर कर रहे हैं. इस स्थिति में बिटकॉइन जैसे डिजिटल एसेट्स दुनिया के लिए सुरक्षित और स्वतंत्र लेनदेन का ज़रिया बन सकते हैं.
होस्किन्सन ने यह भी जोड़ा कि बड़ी टेक कंपनियां जैसे एप्पल और माइक्रोसॉफ्ट अब क्रिप्टो क्षेत्र में दिलचस्पी ले रही हैं. साथ ही, वीज़ा और मास्टरकार्ड जैसी पेमेंट कंपनियां स्टेबलकॉइन और ब्लॉकचेन तकनीक को अपनाने की तैयारी में हैं. इससे क्रिप्टो के बीच की दूरी धीरे-धीरे कम हो रही है.
लंबे शटडाउन से अमेरिकी GDP में गिरावट, क्रिप्टो सुरक्षित विकल्प
ऑक्सफोर्ड इकोनॉमिक्स के रयान स्वीट का कहना है कि यदि अमेरिकी शटडाउन लंबे समय तक चलता है, तो देश की अर्थव्यवस्था पर गंभीर असर पड़ सकता है. हर हफ्ते GDP में 0.1 से 0.2 प्रतिशत अंकों की गिरावट हो सकती है. अगर यह संकट तीन महीने तक खिंच गया तो अमेरिकी अर्थव्यवस्था में लगभग 2.4% तक की गिरावट दर्ज हो सकती है. ऐसी स्थिति में निवेशकों के पास विकल्प सीमित रह जाएंगे. निवेश साधन अस्थिर हो सकते हैं, जबकि डिजिटल एसेट्स जैसे बिटकॉइन तेज़ी से भरोसेमंद विकल्प बन सकते हैं.
अमेरिकी शटडाउन से क्रिप्टो को बढ़त, बिटकॉइन $120K पार
अमेरिकी शटडाउन ने वैश्विक वित्तीय बाज़ारों को हिला दिया है, लेकिन इसने बिटकॉइन और अन्य क्रिप्टोकरेंसी को नई ऊर्जा भी दी है. निवेशकों के बीच यह धारणा मजबूत हो रही है कि जब पारंपरिक सिस्टम असफल होते हैं, तब डिजिटल करेंसीज़ एक सुरक्षित और भरोसेमंद विकल्प बन जाती हैं. बिटकॉइन का $120,000 पार करना सिर्फ एक आंकड़ा नहीं, बल्कि यह संकेत है कि आने वाले वर्षों में डिजिटल एसेट्स वैश्विक वित्तीय व्यवस्था में और मजबूत भूमिका निभा सकते हैं.
डिस्क्लेमर – यह जानकारी सिर्फ आपके जागरूक होने के लिए है. इसमें दिए गए डेटा और बातें निवेश की सलाह नहीं हैं. क्रिप्टो या किसी भी वित्तीय मार्केट में निवेश जोखिम के साथ आता है, इसलिए कोई भी कदम उठाने से पहले अपने वित्तीय सलाहकार से सलाह ज़रूर लें.
पढ़ें – सिर्फ ₹500 से निवेश का मौका, Jio BlackRock लाया नया Flexi Cap Fund
One Comment