सिंगापुर/पेरिस, 3 अक्टूबर (रायटर्स) अमेरिकी रोक के बावजूद रूबल से जुड़ा क्रिप्टो टोकन A7A5 इस हफ्ते सिंगापुर में हुए बड़े क्रिप्टो इवेंट TOKEN2049 में स्पॉन्सर के तौर पर नजर आया. यह टोकन रूसियों के बीच तेजी से पॉपुलर हो रहा है.
TOKEN2049 को दुनिया का सबसे बड़ा क्रिप्टो इवेंट माना जाता है. इस बार इसमें 25,000 से ज्यादा लोग और 500 से अधिक कंपनियां शामिल हुईं. इसमें अमेरिकी राष्ट्रपति के बेटे डोनाल्ड ट्रंप जूनियर, बड़े निवेशक और कई ग्लोबल क्रिप्टो कंपनियों के हेड्स भी शामिल थे. यह मामला इसलिए चर्चा में है क्योंकि अमेरिका और ब्रिटेन ने अगस्त में कुछ कंपनियों पर प्रतिबंध लगाए थे. उनका कहना है कि ये कंपनियां A7A5 नाम के स्टेबलकॉइन को कंट्रोल करती हैं. यह टोकन जनवरी 2024 में एक रूसी बैंक और पेमेंट कंपनी ने लॉन्च किया था.
अमेरिकी रोक के बावजूद A7A5 टोकन के लेनदेन में तेजी
अमेरिकी अधिकारियों का आरोप है कि यह टोकन रूस को पश्चिमी देशों के प्रतिबंधों से बचाने में मदद करता है. इसके बावजूद A7A5 का बूथ TOKEN2049 में एक्टिव था और इसे “प्लैटिनम स्पॉन्सर” की लिस्ट में शामिल किया गया था. A7A5 के डायरेक्टर ओलेग ओगिएन्को ने इवेंट में भाषण भी दिया. हालांकि, जब रायटर्स ने इस पर सवाल भेजे, तो इवेंट की वेबसाइट से A7A5 और ओगिएन्को का नाम हटा दिया गया.ओगिएन्को ने कहा कि उनका ऑपरेशन किर्गिस्तान में रजिस्टर्ड कंपनी का हिस्सा है और वे किसी गैरकानूनी काम में शामिल नहीं हैं. उन्होंने कहा, “हम किर्गिस्तान के सभी नियमों का पालन करते हैं और सिर्फ वैध लेनदेन करते हैं.”
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रूस के लिए क्रिप्टो ने खोला नया पेमेंट रास्ता
2022 में रूस के यूक्रेन पर हमले के बाद पश्चिमी देशों ने कई आर्थिक प्रतिबंध लगाए थे. रूस को SWIFT नाम की इंटरनेशनल पेमेंट सिस्टम से हटा दिया गया था. इसके बाद रूस को नए पेमेंट विकल्प तलाशने पड़े. ब्लॉकचेन एनालिटिक्स कंपनी Elliptic के अनुसार, जनवरी से अब तक करीब 70.8 अरब डॉलर के A7A5 ट्रांजैक्शन हो चुके हैं. जुलाई में यह आंकड़ा 40 अरब डॉलर था, यानी दो महीनों में लेनदेन लगभग दोगुना हो गया.ओगिएन्को ने बताया कि A7A5 का इस्तेमाल रूस और उसके बिजनेस पार्टनर्स सीमापार भुगतान के लिए कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि एशिया, अफ्रीका और लैटिन अमेरिका उनके मुख्य बाजार हैं.
पश्चिमी देशों के लिए बढ़ती चुनौती: A7A5 टोकन का प्रभाव
A7A5 की बढ़ती मौजूदगी पश्चिमी देशों के लिए परेशानी बन गई है. वे क्रिप्टो के जरिए लगाई गई रोक से बचने की कोशिशों को रोकना चाहते हैं, लेकिन कानूनी सीमाओं की वजह से यह आसान नहीं है. कानूनी विशेषज्ञों के मुताबिक, जब तक किसी ट्रांजैक्शन में अमेरिकी नागरिक या संस्था शामिल नहीं होती, तब तक अमेरिका का अधिकार नहीं बनता. इस वजह से रूस और उसके सहयोगी देश क्रिप्टो के जरिए व्यापार जारी रख पा रहे हैं. ओगिएन्को ने कहा, “कई देश रूस के साथ बिजनेस करते हैं और उनमें से बहुत से हमारे स्टेबलकॉइन का इस्तेमाल करते हैं. इन ट्रांजैक्शनों की कुल वैल्यू अरबों डॉलर में है.”
ग्लोबल क्रिप्टो दुनिया में A7A5 ने शुरू की नई बहस
TOKEN2049 जैसे बड़े इवेंट में A7A5 की मौजूदगी ने ग्लोबल क्रिप्टो वर्ल्ड में बहस शुरू कर दी है. एक तरफ यह रूस के लिए आर्थिक राहत बन सकता है, वहीं दूसरी तरफ यह पश्चिमी देशों की नीतियों की प्रभावशीलता पर सवाल खड़ा करता है. एक्सपर्ट्स का मानना है कि आने वाले समय में क्रिप्टो सिर्फ निवेश या ट्रेडिंग का जरिया नहीं रहेगा, बल्कि देशों की आर्थिक और राजनीतिक रणनीति का भी हिस्सा बनेगा. अभी तक सिंगापुर या हांगकांग ने A7A5 से जुड़ी किसी कंपनी पर रोक नहीं लगाई है. इसी वजह से यह टोकन एशिया के कई देशों में तेजी से लोकप्रिय हो रहा है.
A7A5: डिजिटल करेंसी अब राजनीति में
A7A5 की तेजी से बढ़ती लोकप्रियता दिखाती है कि डिजिटल करेंसी अब सिर्फ ट्रेडिंग का टूल नहीं रही, बल्कि यह इंटरनेशनल पॉलिटिक्स का हिस्सा बन चुकी है. अमेरिकी और ब्रिटिश रोक के बावजूद इसका लगातार बढ़ना यह साबित करता है कि क्रिप्टो दुनिया के पारंपरिक फाइनेंशियल सिस्टम को चुनौती दे रहा है. रूस समर्थित यह टोकन भले विवादों में हो, लेकिन यह साफ है कि अब दुनिया की अर्थव्यवस्था डिजिटल एसेट्स के नए दौर में प्रवेश कर चुकी है जहां टेक्नोलॉजी, पैसा और राजनीति पहले से कहीं ज्यादा जुड़ गए हैं.
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