अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप एक बार फिर सुर्खियों में हैं. उन्हें “टैरिफ किंग” कहा जाता है और इस बार उन्होंने चीन को सीधी धमकी दी है. ट्रंप ने कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो वे 200% टैरिफ (Tariff) लगाकर चीन की अर्थव्यवस्था को हिला देंगे. उनका दावा है कि उनके पास ऐसे “ट्रंप कार्ड” हैं जो चीन को बड़ा झटका दे सकते हैं. यह बयान ऐसे वक्त में आया है जब दुनिया में अमेरिका और चीन के बीच ट्रेड वार (US-China Trade War) की चर्चा फिर तेज हो गई है ट्रंप ने कहा कि अगर उन्होंने सारे पत्ते खोल दिए, तो चीन की अर्थव्यवस्था “ध्वस्त” हो जाएगी.
Rare Earth Magnets पर चीन की पकड़, अमेरिका परेशान
अमेरिका और चीन के बीच ये जंग सिर्फ व्यापार की नहीं है. इसका सबसे बड़ा कारण हैं Rare Earth Magnets यानी ऐसे खास धातु तत्व जो फाइटर जेट, पनडुब्बी, मिसाइल, और इलेक्ट्रिक गाड़ियों में काम आते हैं. चीन इस क्षेत्र में दुनिया का सबसे बड़ा उत्पादक है. दुनिया के लगभग 60% Rare Earth Elements पर उसका कंट्रोल है, जबकि उत्पादन में उसका हिस्सा 90% तक है. जब ट्रंप ने अपने कार्यकाल में चीन पर भारी टैरिफ लगाए थे, तो जवाब में चीन ने इन Rare Earth मटेरियल्स की सप्लाई रोक दी थी. इसका असर सीधा अमेरिकी डिफेंस प्रोजेक्ट्स पर पड़ा. F-35 Fighter Jet और Virginia Class Submarine जैसी परियोजनाएं रुक गईं. आखिरकार ट्रंप को झुकना पड़ा और उन्होंने 150% टैरिफ घटाकर 30% कर दिया.
अब ट्रंप का नया दांव बड़ी कंपनियों में सरकार की हिस्सेदारी
अब ट्रंप फिर उसी मुद्दे पर लौट आए हैं, लेकिन इस बार तरीका नया है. उन्होंने कहा कि जैसे चीन अपनी बड़ी कंपनियों में सरकार का कंट्रोल रखता है, वैसे ही अब अमेरिका भी करेगा.हाल ही में अमेरिकी सरकार ने Intel कंपनी के 10% शेयर अपने पास ले लिए हैं. ट्रंप का कहना है कि यह कदम राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए जरूरी है.लेकिन इस फैसले से Intel के शेयरों में गिरावट आई और निवेशकों में डर फैल गया. लोगों का मानना है कि अगर सरकार सीधे कंपनियों में दखल देगी, तो उनकी आज़ादी खत्म हो सकती है.ट्रंप का मानना है कि सरकार की हिस्सेदारी से अमेरिका का कंट्रोल और मजबूत होगा. लेकिन आलोचकों का कहना है कि इससे अमेरिका पर भी स्पाई कंपनियों जैसे आरोप लग सकते हैं, जैसे चीन पर लगते हैं.
डिजिटल टैक्स पर ट्रंप की नई चेतावनी
ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म Truth Social पर एक नया बयान दिया है. उन्होंने कहा कि जो भी देश अमेरिकी टेक कंपनियों पर Digital Tax लगाएगा, उसे जवाब में एक्शन मिलेगा.ट्रंप ने कहा, “हमारी कंपनियों को दुनिया में सम्मान मिलना चाहिए. अगर किसी ने हमारी टेक कंपनियों को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की, तो हम भी वैसा ही टैरिफ लगाएंगे.”उनका ये बयान सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया. कुछ लोग कह रहे हैं कि ट्रंप अब राजनीति से ज़्यादा कंपनियों के रक्षक बन गए हैं. वहीं कुछ लोग इसे ट्रंप की एक और धमकी मान रहे हैं, जो आने वाले चुनावों से जुड़ी हो सकती है.
अमेरिका और चीन की टक्कर का नया दौर
ट्रंप की ये रणनीति दिखाती है कि अमेरिका अब फिर से आक्रामक आर्थिक नीति अपनाने की तैयारी में है. चीन जहां Rare Earth Elements और सरकारी कंपनियों की ताकत से आगे बढ़ रहा है, वहीं ट्रंप अमेरिकी टेक्नोलॉजी और डिफेंस इंडस्ट्री को हथियार बना रहे हैं. अब ये टकराव सिर्फ “टैरिफ” की जंग नहीं रह गया है, बल्कि ये एक Technology War बन चुकी है. ट्रंप का कहना है कि अगर वे 2025 में फिर सत्ता में आते हैं, तो वे चीन पर “सबसे बड़ी टैरिफ स्ट्राइक” करेंगे.
क्या ट्रंप की टैरिफ पॉलिसी से अमेरिका जीतेगा या दुनिया हिलेगी?
अब सबसे बड़ा सवाल यही है कि क्या ट्रंप की ये पॉलिसी अमेरिका को फायदा पहुंचाएगी या दुनिया को एक और Global Trade Crisis का सामना करना पड़ेगा? पिछले अनुभव बताते हैं कि जब भी ट्रंप ने टैरिफ बढ़ाए हैं, उसका असर खुद अमेरिकी बाजार पर पड़ा है. चीजें महंगी हुईं और कंपनियों को नुकसान झेलना पड़ा.
फिर भी ट्रंप की सोच हमेशा “America First” रही है. 2025 में एक बार फिर वो उसी रास्ते पर चल रहे हैं टैरिफ पॉलिटिक्स (Tariff Politics) के जरिए दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं को चुनौती देने के लिए. अगर उनका ये नया दांव चला, तो ये टैरिफ वॉर दुनिया की अर्थव्यवस्था को एक बार फिर हिला सकता है.
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